लेखनी आधे अधूरे मिसरे -प्रसिद्ध पंक्तियाँ काब्य प्रतियोगिता-09-Jul-2023 बुलन्दी किस शख्स के हिस्
शीर्षक:- बुलन्दी किस शख्स के हिस्से में रहती है
बुलन्दी किस शख्स के हिस्से में रहती है।
बुलन्दी हर दिन एक नया घर बदलती है।।
बुलन्दियाँ कभी किसी की सगी नहीं हो सकी है।।
दौलत आनी जानी है एक के पास कब रुक सकी है।।
जिसका आज परचम है वह कल गिरकर खाक ही होता है।
दीपक पर उड़ाने वाला पतंगा एक दिन जलकर राख ही होता है।।
दौलत शौहरत पाकर इसपर हमें इतराना कैसा।
हम जैसा करेंगे कर्म ईश्वर हमें फल देता है वैसा।।
आधे अधूरे मिसरे/ प्रसिद्ध पंक्तियाँ प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी"